हरी हरी दूब चढ़ाऊँ कैसे, मेरा रूठा गजानन मनाऊं कैसे लिरिक्स

हरी हरी दूब चढ़ाऊँ कैसे, मेरा रूठा गजानन मनाऊं कैसे लिरिक्स -
हरी हरी दूरबा चढ़ाऊं कैसे,
मेरा रूठा गजानन मनाऊं कैसे।

शीश तुम्हारा,बड़ा है गजानन
बड़े बड़े मुकुट,पहनाऊं कैसे
मेरा रूठा गजानन मनाऊं कैसे,
हरी हरी दूरबा चढ़ाऊं कैसे,
मेरा रूठा गजानन मनाऊं कैसे।

गला तुम्हारा,बड़ा है गजानन
बड़े बड़े हार पहनाऊं कैसे
मेरा रूठा गजानन मनाऊं कैसे।
हरी हरी दूरबा चढ़ाऊं कैसे,
मेरा रूठा गजानन मनाऊं कैसे।

हाथ तुम्हारे,बड़े है गजानन
बड़े बड़े कंगन,पहनाऊं कैसे
मेरा रूठा गजानन मनाऊं कैसे।
हरी हरी दूरबा चढ़ाऊं कैसे,
मेरा रूठा गजानन मनाऊं कैसे।

पैर तुम्हारे बड़े है गजानन
बड़ी बड़ी पायल,पहनाऊं कैसे।
मेरा रूठा गजानन मनाऊं कैसे।
हरी हरी दूरबा चढ़ाऊं कैसे,
मेरा रूठा गजानन मनाऊं कैसे।

उदर तुम्हारा बड़ा है गजानन
सवा मन लड्डू, खिलाऊं कैसे
मेरा रूठा गजानन मनाऊं कैसे,
हरी हरी दूरबा चढ़ाऊं कैसे,
मेरा रूठा गजानन मनाऊं कैसे।

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