जो कोई जावे सत री संगत में राजस्थानी लिरिक्स

जो कोई जावे सत री संगत में राजस्थानी लिरिक्स -
जो कोई जावे सत री संगत में,
इनको खबर पड़ी है,
सत्संग अमर जड़ी है ॥

श्लोक – सतगुरु के दरबार में,
और गया मन बारम्बार,
खोल वस्तु बताए दे,
म्हारे सतगुरु है दातार ॥

जो कोई जावे सत री संगत में,
इनको खबर पड़ी है,
सत्संग अमर जड़ी है ॥

प्रहलाद सत्संग किणी सरियादे री,
रामजी री खबर पड़ी है,
हरिनाकश्प थंब तपायो,
खंबे बाथ भरी है,
सत्संग अमर जड़ी है ॥

नरसी संगत किणी पीपाजी री,
सुई पे वात अड़ी है,
छपन करोड़ रो भरियो मायरो,
आया आप हरी है,
सत्संग अमर जड़ी है ॥

सुग्रीव सत्संग किनी रामजी री,
वानर फौज बड़ी है,
क्या ताकत थी इन वानरो की,
रावण को जाए भिड़ी है,
सत्संग अमर जड़ी है ॥

लोहे संगत किणी काट री,
जल बीच नाव तरी है,
केवे कबीर सुनो भाई साधो,
ये तो बात खरी है,
सत्संग अमर जड़ी है ॥

जो कोई जावे सत री संगत मे,
इनको खबर पड़ी है,
सत्संग अमर जड़ी है ॥

लोकप्रिय भजन लिस्ट -

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

नैना जो मिले है सरकार से लिरिक्स

तुम उठो सिया सिंगार करो, शिव धनुष राम ने तोड़ा है लिरिक्स

मेरी माँ दे लम्बे बाल भजन लिरिक्स

पकड़ लो हाथ बनवारी नहीं तो डूब जाएंगे भजन लिरिक्स

राधे तेरे चरणों की, गर धूल जो मिल जाए भजन लिरिक्स

अंगना पधारो महारानी भजन लिरिक्स

तेरा भवन सजा जिन फूलो से भजन लिरिक्स

ऐसी लागी लगन मीरा हो गयी मगन लिरिक्स

सबसे प्रसिद्ध एकादशी भजन लिरिक्स (ग्यारस भजन लिरिक्स)